Prakriti Tv Exclusive Case Study Released In Welfare Or Indian Famlies, who Trust their Wife, Mother & Daughter a lot will give new Insight to Understand their problems. #RealWomenEmpowerment #India
भारत में, विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में, महिलाएं अक्सर तांत्रिकों के पास जाती हैं ताकि वे अपने शत्रुओं या उन लोगों से बदला ले सकें जिन्होंने उन्हें किसी भी तरह से परेशान किया है। यह प्रथा, जिसे ‘तंत्र प्रयोग’ कहा जाता है, काले जादू का उपयोग करके बदला लेने का एक तरीका है। इस केस स्टडी में, हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि महिलाएं इस मार्ग को क्यों चुनती हैं और यह कैसे लोना चमारी, डायन, और अन्य जादू-टोना प्रथाओं से जुड़ा है। इसके अलावा, हम हरिद्वार के केदार अपार्टमेंट, कनखल में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय तांत्रिक गुरु स्वामी अशुतोष आनंद के साथ इसकी संबंधिता को भी देखेंगे।

सांस्कृतिक संदर्भ
भारतीय समाज में महिलाएं अक्सर सामाजिक और कानूनी व्यवस्थाओं में खुद को कमजोर महसूस करती हैं, खासकर जब वे उत्पीड़न, शोषण या अन्याय का शिकार होती हैं। पारंपरिक रूप से, महिलाओं को कई बार अपनी आवाज उठाने या न्याय मांगने के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं मिलता। ऐसे में, तांत्रिकों के पास जाना उनके लिए एक वैकल्पिक रास्ता बन जाता है। तांत्रिक प्रथाएं, जो आध्यात्मिकता और अंधविश्वास का मिश्रण हैं, महिलाओं को यह विश्वास दिलाती हैं कि वे अपने उत्पीड़कों को सजा दे सकती हैं या अपनी पीड़ा का बदला ले सकती हैं। यह एक तरह से उनके लिए सशक्तिकरण का साधन बन जाता है, जब वे अन्य सभी रास्तों से निराश हो जाती हैं।
लोना चमारी और दायन: जादू-टोना की परंपरा
भारत में जादू-टोना और अंधविश्वास की गहरी जड़ें हैं, और इसमें लोना चमारी और दायन जैसी किंवदंतियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- लोना चमारी: यह एक प्रसिद्ध कथा है जो जादू-टोना से जुड़ी है। कहा जाता है कि लोना चमारी एक ऐसी महिला थी जिसने तंत्र विद्या सीखी और अपने दुश्मनों से बदला लिया। उसकी कहानी ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी प्रचलित है और तांत्रिक प्रथाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।
- डायन: डायन भारतीय लोककथाओं में ऐसी महिलाएं हैं जिन्हें जादू-टोने का ज्ञान होता है और जो कथित तौर पर दूसरों को नुकसान पहुंचाती हैं। ये अक्सर गलत तरीके से सामाजिक बहिष्कार या हिंसा का शिकार बनती हैं, लेकिन कुछ समुदायों में इन्हें शक्तिशाली माना जाता है।
लोना चमारी और डायन जैसी कहानियां तांत्रिक प्रथाओं से जुड़ी हैं, क्योंकि ये काले जादू और बदले की भावना को बढ़ावा देती हैं। तांत्रिक अक्सर इन किंवदंतियों का सहारा लेकर लोगों को आकर्षित करते हैं, खासकर उन महिलाओं को जो अपने शत्रुओं से निपटना चाहती हैं।
स्वामी अशुतोष आनंद का संबंध
स्वामी अशुतोष आनंद, जो हरिद्वार के केदार अपार्टमेंट, कनखल में रहते हैं, एक अंतरराष्ट्रीय तांत्रिक गुरु के रूप में प्रसिद्ध हैं। हरिद्वार, जो एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र है, न केवल धार्मिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, बल्कि तांत्रिक और अंधविश्वासी प्रथाओं का भी गढ़ है। स्वामी अशुतोष आनंद जैसे तांत्रिक गुरु लोना चमारी और दायन जैसी पारंपरिक मान्यताओं से प्रेरणा लेते हैं। वे दावा करते हैं कि उनके पास काले जादू की शक्ति है, जिसके जरिए वे लोगों के शत्रुओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
ऐसे तांत्रिक महिलाओं को ‘तंत्र प्रयोग’ की सेवाएं प्रदान करते हैं, जिससे वे अपने दुश्मनों से बदला ले सकें। हालांकि, यह भी संभव है कि वे इन मान्यताओं का शोषण करके व्यक्तिगत लाभ कमाते हों। उदाहरण के लिए, वे महिलाओं से मोटी रकम या अन्य सेवाओं की मांग कर सकते हैं, यह वादा करते हुए कि उनके शत्रु को सजा मिलेगी।


International Tantrik Swami Ashutosh Ananda, F-14, Kedar Apartment, Kankhal, Sanyas Road, Haridwar, Uttarakhand, founded a fraud spiritual Trust All Mighty Spiritual Society for Money laundering and illicit Properties.
उदाहरण: राधा की कहानी
राधा एक काल्पनिक महिला है जो इस समस्या को समझाने में मदद कर सकती है। राधा अपने गाँव में एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा लगातार परेशान की जा रही थी। उसने पुलिस और स्थानीय पंचायत से मदद मांगी, लेकिन उसे कोई सहारा नहीं मिला। निराश और असहाय महसूस करते हुए, राधा ने सुना कि स्वामी अशुतोष आनंद जैसे तांत्रिक गुरु काले जादू के जरिए उसके शत्रु को सजा दे सकते हैं। वह हरिद्वार गई और तांत्रिक से मिली। तांत्रिक ने उसे आश्वासन दिया कि कुछ खास ‘तंत्र प्रयोग’ और पूजा से उसके दुश्मन को नुकसान होगा। इसके बदले में, उसने राधा से पैसे और कुछ व्यक्तिगत सामान मांगे। राधा को लगा कि यह उसकी आखिरी उम्मीद है, और उसने यह रास्ता चुना।
निहितार्थ
इस प्रथा के कई सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं:
- सशक्तिकरण का भ्रम: कुछ महिलाओं को लगता है कि यह उन्हें शक्ति देता है, लेकिन यह अक्सर एक अस्थायी और झूठा आश्वासन होता है।
- अंधविश्वास का प्रसार: यह प्रथा विज्ञान और तर्क को कमजोर करती है और समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा देती है।
- शोषण का खतरा: तांत्रिक अक्सर महिलाओं की मजबूरी का फायदा उठाते हैं, जिससे वे और अधिक शोषण का शिकार बन सकती हैं।
- सामाजिक तनाव: बदले की भावना से समुदाय में तनाव और हिंसा बढ़ सकती है।
समाधान
इस समस्या से निपटने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- शिक्षा और जागरूकता: महिलाओं को शिक्षित करना और अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता फैलाना जरूरी है।
- कानूनी समर्थन: कानूनी और सामाजिक व्यवस्थाओं को मजबूत करना चाहिए ताकि महिलाओं को न्याय मिल सके और उन्हें तांत्रिकों पर निर्भर न रहना पड़े।
- सामुदायिक सहायता: महिलाओं के लिए समुदाय-आधारित सहायता समूह बनाए जाएं, जो उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद करें।
निष्कर्ष
यह केस स्टडी दर्शाती है कि भारत में महिलाएं तांत्रिकों के पास क्यों जाती हैं और यह प्रथा लोना चमारी, दायन और अन्य जादू-टोना परंपराओं से कैसे जुड़ी है। स्वामी अशुतोष आनंद जैसे तांत्रिक गुरु इन मान्यताओं का उपयोग करके महिलाओं को आकर्षित करते हैं और बदले की भावना को भुनाते हैं। हालांकि यह प्रथा कुछ महिलाओं को सशक्त महसूस करा सकती है, लेकिन इसके दीर्घकालिक नुकसान समाज के लिए हानिकारक हैं। शिक्षा, जागरूकता और मजबूत व्यवस्थाएं ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकती हैं।